Monday, March 7, 2011

महिला दिवस पर बधाई

महिला दिवस पर विशेष
साथ ही
सभी को बधाई,

आज अन्तराष्ट्रिय शक्ति दिवस है .
इस दिवस पर संकल्प लें कि महिलाओं का सदैव सम्मान करेंगे.
घर और बाहर उन्हें उनका अभिष्ट जरुर दिलाने का प्रयास करेंगे.
ऐसा करके हम अपने को ही पुष्ट कर रहे होंगे.
वल्लभ ड़ोंगरे
पेश है
वल्लभ ड़ोंगरे की एक कविता चाहता हूं मैं

नहीं चाहता मैं
जानी जाओ तुम
ऐसे संबोधनों से
कि तुम हो
फलां की बेटी
फलां की बहन
फलां की पत्नी
फलां की मां।


चाहता हूं मैं
जानी जाओ तुम
अपने से, स्वयं से
हो तुम्हारा अपना वजूद
हो तुम्हारी अपनी पहचान

और जाने जाएं तुमसे
हम सब कि
गीता के पिता हैं आप
गीता के पति आप
गीता के बेटे आप

और फक्र हो हम सबको
होने में तुम्हारा
पिता, भाई, पति, बेटा।

(ये कविता प्रसिध्द कवि, लेखक श्री वल्लभ डोंगरे के कविता संग्रह 'पत्नी' से ली गई है। डोंगरे जी इससे पहले पिता और मां पर भी संग्रह निकाल चुके हैं। इस कड़ी में उनका अगला प्रयास बेटी पर कविता संग्रह निकालने का है । )

इसे भी देखें --- मेरी कविता

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